इंडस्ट्री में नजरों से दूर होने का मतलब मन से भी दूर होना है : शमिता शेट्टी

अभिनेत्री शमिता शेट्टी का कहना है कि अपने करियर के शुरुआती दिनों से ही फिल्में साईन करते वक्त उनके मन में कभी भी ज्यादा से ज्यादा फिल्में साइन करने का ख्याल नहीं आया।

अभिनेत्री शमिता शेट्टी का कहना है कि अपने करियर के शुरुआती दिनों से ही फिल्में साईन करते वक्त उनके मन में कभी भी ज्यादा से ज्यादा फिल्में साइन करने का ख्याल नहीं आया। शमिता ने साल 2000 में आई मल्टीस्टारर ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘मोहब्बतें’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। रुपहले पर्दे पर उन्हें आखिरी बार साल 2007 में आई फिल्म ‘कैश’ में देखा गया था। शमिता ने हाल ही में 13 सालों के बाद वेब सीरीज ‘ब्लैक विडोज’ के साथ अभिनय में अपनी वापसी की है। आने वाले समय में वह सुश्रुत जैन की ‘द टेनेंट’ में नजर आने वाली हैं।

शमिता ने आईएएनएस को बताया, “शुरू से ही मैंने क्वॉन्टिटी पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और मैंने ऐसा किया होता, तो शायद मेरे लिए प्रासंगिक बने रहना मुश्किल हो जाता इसलिए मुझे नहीं लगता है कि मैंने परियोजनाओं की अधिकाधिक संख्या पर कभी गौर फरमाया है।”

उन्होंने आगे कहा, “लेकिन दुर्भाग्य से आप एक ऐसी इंडस्ट्री में हैं, जहां निगाहों से दूर जाने का मतलब है कि आप लोगों के दिमाग से भी दूर चले गए हैं और मेरे ख्याल से ऐसा मेरे साथ कई बार हुआ है।”

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शमिता आगे कहती हैं, “पहले-पहले मुझे इन सबका बुरा लगता था, लेकिन अब मुझे इसकी कोई चिंता नहीं है क्योंकि करने के लिए कई सारी चीजें हैं और एक इंसान के तौर पर अगर मैं खुश हूं, तो यही सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। मैं अपने समय का सदुपयोग कुछ न कुछ सीखने में करती हूं ताकि एक इंसान के तौर पर मेरा खुद का विकास हो सके और मैं इन चीजों के साथ खुश हूं।” (आईएएनएस)

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