By: विवेक त्रिपाठी
रामनगरी अयोध्या को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। प्रदेश में सरकार बनने के बाद से ही उन्होंने अयोध्या में दीपोत्सव और राम लीला मंचन से लेकर कई ऐसे आयोजन कराए, जिन्होंने वैश्विक स्तर पर अयोध्या की छवि को मजबूत बनाया है।
फिलहाल, जो भी काम अयोध्या में कराए जा रहे हैं, वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सपने को अमलीजामा पहना रहे हैं। आने वाले समय में अयोध्या वैश्विक पर्यटन के नक्शे पर अद्भुत होगी।
देश दुनिया से वहां अपने आराध्य के दर्शन करने वालों पर अमिट छाप छोड़ने के लिए भगवान श्रीराम के भव्यतम और दिव्यतम मंदिर, प्रभु श्रीराम की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, वैदिक और आधुनिक सिटी के समन्वित मॉडल के रूप में नव्य अयोध्या के अलावा और भी बहुत कुछ होगा। कुछ काम हो चुके हैं और कई पाइपलाइन में हैं।
अयोध्या की विकास परियोजनाओं के लिए प्रदेश और केंद्र सरकार ने खजाना खोल दिया है। मसलन, अयोध्या आने वाली रेलवे लाइन का दोहरीकरण के साथ भविष्य की जरूरतों के अनुसार रेलवे स्टेशन का सुंदरीकरण और विस्तारीकरण होना है। अयोध्या से सुल्तानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 330 से एयरपोर्ट तक 18.75 करोड़ रुपये की लागत से चार लेन की सड़क का नवनिर्माण होना है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अयोध्या धाम से बाईपास के लिए सोहावल से विक्रमजोत तक का प्रस्ताव बना रहा है। करीब 1500 करोड़ रुपये की लागत से रायबरेली से अयोध्या तक चार लेन की सड़क के चौड़ीकरण का कार्य भी होना है।
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पिछले दिनों पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा था कि अयोध्या को पर्यटन के लिहाज से वैश्विक सिटी बनाने के लिए उसी के अनुरूप कंसलटेंट का चयन करें। सरयू की अविरलता और निर्मलता बरकरार रखने के लिए वहां आधुनिकतम सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाएं।
अयोध्या में करीब 2.42 करोड़ रुपये की लागत से दशरथ महल, सत्संग भवन, यात्री सहायता केंद्र और रैनबसेरा का निर्माण कार्य चल रहा है। 5.24 करोड़ रुपये की लगात से ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, 1.97 करोड़ रुपये की लागत से पंचकोशी परिक्रमा मार्ग पर छाजन, दिगंबर अखाड़ा में 2.88 करोड़ रुपये की लागत से मल्टीपरपस हाल का निर्माण होना है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत सीवरेज और पेयजल के लिए होने वाले काम अलग से है।
अयोध्या के परियोजना निदेशक (डीआरडीए) और नोडल अधिकारी कमलेश सोनी का कहना है कि अयोध्या के कायाकल्प के लिए करीब 2 हजार करोड़ रुपए खर्च किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अयोध्या में चल रही महत्वपूर्ण परियोजनाओं में प्रमुख रूप से भजन संध्या स्थल 19.02 करोड़ की लागत से बन रहा है। रामकथा पार्क का विस्तारीकरण 275.35 करोड़ की लागत आयी है। तुलसी उद्यान का विकास कार्य पूर्ण हो चुका है। जिसकी लागत 7.27 करोड़ थी। इसके अलावा अयोध्या में पैडस्ट्रियन स्ट्रीट के कार्य में करीब 11 करोड़ की लागत आयी है जो कि पूर्ण हो चुका है। लक्ष्मण किला घाट भी पूरा हो चुका है। इसके विकास में करीब 9.73 का खर्च आया है। सिटी वाइड इंटरवेंसन के कार्य जो कि पूरा हो चुका है, इसमें 1.86 करोड़ रुपए की लागत आयी है। गुप्तार घाट को बनाने में 37.10 का खर्च आया है। 60 करोड़ की लागत से लाईनों को भूमिगत किया गया है। 1.51 करोड़ के खर्च से पेयजल संयोजन योजना का काम पूरा किया गया है। यहां के सीवरेज पुर्नगठन में करीब 74.05 करोड़ की लागत से पूरा किया गया है। महर्षि राजा दशरथ मेडिकल कॉलेज के अस्पताल को 195.00 करोड़ की लागत से शिक्षा सेवाओं का उन्नयन किया गया है। ऐसी तमाम परियोनाओं पर काम चल रहा है या फिर पूरी हो चुकी है जो अयोध्या को एक नई पहचान दिलाएंगी।(आईएएनएस)