अखाड़ा परिषद ने अंग्रेजों के नाम पर रखे ‘सड़कों’ के नाम बदलने की मांग की है

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Arena council of india) (एबीएपी) ने उन सभी सड़कों के नाम बदलने की मांग की है, जिनके नाम मुगल आक्रमणकारियों (Mughal invaders) और अंग्रेजों (British) के नाम पर रखे गए हैं। एबीएपी प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, “भारत को 74 साल पहले आजादी मिली थी लेकिन दिल्ली में अभी तक सड़कों के नाम मुगल आक्रमणकारियों तुगलक, हुमायूं, बाबर और अंग्रेजों के नाम पर हैं। इनके नाम चंद्र शेखर आजाद (Chandra Shekhar Azad), सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose), सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel), गुलजारी लाल नंदा और वीर अब्दुल हमीद के नाम पर रखे जाने चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, “देश को लूटने और विभाजित करने वाले मुगल आक्रमणकारियों और अंग्रेजों के नाम पर अब भी सड़कों के नाम क्यों होने चाहिए? ऐसी स्थिति से अधिकांश देशवासी और विशेष रूप से युवा खुद को शर्मिदा महसूस करते हैं। इन सड़कों के नामकरण उन शहीदों के नाम पर होने चाहिए जिन्होंने अपना जीवन देश के लिए अर्पित कर दिया। हमारी मांग है कि केंद्र सरकार को इन सड़कों के नाम बदलकर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के नाम पर रखने चाहिए।”

इन सड़कों के नामकरण उन शहीदों के नाम पर होने चाहिए जिन्होंने अपना जीवन देश के लिए अर्पित कर दिया। (ट्विटर)

एबीएपी के इस बयान पर विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने आपत्ति जताई है, जिससे पूरे मामले में विवाद खड़ा हो गया है। समाजवादी पार्टी के जिला प्रवक्ता दान बहादुकर ‘मधुर’ ने कहा है, “सरकार को देश के संविधान के अनुसार काम करना चाहिए, न कि पुजारियों और संतों की सनकी मांगों के अनुसार।”

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वहीं राज्य कांग्रेस (Congress) के नेता मुकुंद तिवारी ने कहा है, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण बयान है। सड़कों का नाम उन हस्तियों के नाम पर रखा जाता है, जिन्होंने हमारे राष्ट्र के लिए काम किया है। इस दौरान उनकी जाति, पंथ और धर्म नहीं देखा जाता है। ऐसे कई अच्छे प्रशासक हुए हैं, जिन्होंने देश की एकता और अखंडता के लिए काम किया। भगवा ब्रिगेड पंचायत चुनावों में मुख्य मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए एक नया विवाद पैदा करने की कोशिश कर रही है।” (आईएएनएस-SM)

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