मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विवाह के लिए बालिकाओं की न्यूनतम उम्र 18 से बढ़ाकर 21 किए जाने की पैरवी की है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को राजधानी के मिंटा हॉल में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने और जनजागृति लाने के मकसद से ‘सम्मान’ अभियान की शुरुआत करने के बाद संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि लड़कों की शादी के लिए उम्र 21 साल है, इसी तरह लड़कियों की भी शादी के लिए न्यूनतम उम्र 21 साल की जानी चाहिए। इस समय लड़कों की शादी के लिए उम्र 21 साल और बालिकाओं की 18 साल है।
इससे पहले, सम्मान अभियान की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि मध्यप्रदेश में अपराधियों पर अंकुश लगाने का कार्य पूरी ताकत से किया जाएगा। आम लोगों को कानून के राज का एहसास करवाया जाएगा। गत आठ माह में अपराधियों के विरुद्ध की जा रही सख्त कार्रवाही का परिणाम है कि विभिन्न तरह के अपराधों में 15 से लेकर 50 प्रतिशत तक की कमी आई है। बालिकाओं और महिलाओं से जुड़े अपराधों में लिप्त लोग नरपिशाच हैं। उन्हें किसी भी स्थिति में न छोड़ा जाए। दुष्कर्मियों को तो फांसी ही मिलना चाहिए।
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चौहान ने आगे कहा कि प्रदेश में गुम बालिकाओं के संबंध में विस्तार से समीक्षा की गई है। अपहृत बच्चे की बरामदगी के लिए चेकलिस्ट के अनुसार कार्यवाही होगी। परिजनों को एक रिकार्ड पत्र दिया जाएगा, जिसमें पुलिस द्वारा की जा रही विवेचना का विस्तृत विवरण होगा।
अधिकार पत्र में जानकारी रहेगी कि कितने दिनों में क्या-क्या कार्यवाही की गई है। इस व्यवस्था में अब अपहृत होने वाले बच्चे के परिजन के साथ प्रत्येक 15 दिन में थाना प्रभारी और प्रत्येक 30 दिन में एसडीओपी केस डायरी के साथ बैठेंगे। इसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अधिकार पत्र के अनुसार कार्यवाही हुई है या नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबालिगों के साथ घटित अपराधों में वर्ष 2020 में भोपाल, छिंदवाड़ा, इंदौर और नरसिंहपुर में पांच अपराधियों को मृत्युदंड दिया गया। गत नौ माह में प्रदेश में दुष्कर्म के मामलों में 19 प्रतिशत, अपहरण एवं व्यपहरण के मामलों में 23 प्रतिशत, भ्रूणहत्या में 20 प्रतिशत, छेड़छाड़ और लज्जाभंग से संबंधित अपराधों में 14 प्रतिशत की कमी आई है। (आईएएनएस)