अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को एक सुझाव-पत्र दिया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जारी किए गए राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति के मसौदे पर छात्र समुदाय में संवाद के उपरांत यह सुझाव-पत्र दिया है। इस नीति में अनुसंधान तथा नवाचार क्षेत्र से जुड़े छात्रों के मुद्दों को संबोधित किया गया है। सुझाव पत्र में विभिन्न शैक्षणिक, अनुसंधान संगठनों के शोधकर्ताओं हेतु शोध के मूलभूत ढांचे की उपलब्धता हेतु उचित तंत्र विकसित करने की बात है। शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों के शोध पत्र, उपलब्धि के कॉपीराइट विषय को अधिक स्पष्टता देने की अपील की गई है। अपेक्षित मानदंड से कम गुणवत्ता की सामग्री प्रकाशित करने वाली पत्रिकाओं के विनियमन, भारतीय वैज्ञानिकों व शोध अध्येताओं के उच्च स्तरीय शोध कार्य के प्रकाशन तथा उसके प्रभाव कारिता को बढ़ाने के प्रयास आदि के सुझाव हैं।
साथ ही विश्वविद्यालयों में शोध के लिए बुनियादी ढांचे के विकास हेतु बजट बढ़ाने, प्राथमिक व उच्च शिक्षा क्षेत्र में अनिवार्य रूप से नवाचार व शोध संस्कृति के विकास, शोध में रूचि रखने वाले छात्रों को उनके कैरियर के प्रारंभिक दौर से ही प्रोत्साहन की बात कही गई है। शोध संस्थान व प्रौद्योगिकी इंडस्ट्री में समन्वय का जिक्र किया गया है। विश्वविद्यालयों में वैश्विक स्तरीय उच्च गुणवत्तायुक्त शोध संस्थानों के निर्माण, शोध संस्थानों के मध्य ज्ञान हस्तांतरण के प्रावधान आदि सुझावों को रखा गया है।
इसके अतिरिक्त उद्योग व अकादमिक क्षेत्र में उद्देश्यपूर्ण संपर्क व अनुसंधान कार्यक्रम विकसित करने, छात्रों, शिक्षकों तथा शोध अध्येताओं के लिए 50 राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी एवं अनुसंधान संस्थानों की स्थापना, शोध-वृत्ति की धनराशि व लाभान्वितों की संख्या में बढ़ोतरी, एकल निगरानी खिड़की द्वारा शोध दोहराव को रोकने, अंत: विषय शोध को अनिवार्य रूप से बढ़ाने, ऊर्जा क्षेत्र में गैर प्रदूषणकारी शोध को बढ़ावा देने, सभी वर्गो व क्षेत्रों के छात्रों की शोध क्षेत्र में सहभागिता सुनिश्चित करने, नई खोजों की जानकारी के आम जनमानस में प्रसार हेतु प्रयास, शोध क्षेत्र में अन्य देशों के साथ मिलकर साझा प्रयासों, नियुक्तियों में पारदर्शिता आदि सुझाव भी केंद्रीय मंत्री को अभाविप ने दिए हैं।
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अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा, “देश में नवाचार तथा शोध संस्कृति के विकास के लिए महत्वपूर्ण प्रयास हो रहे हैं। समाज तथा विज्ञान के संबंध को और मजबूती देकर भारत के राष्ट्र पुननिर्माण की दिशा में और शीघ्रता से कदम बढ़ाएं जा सकते हैं। केंद्र तथा राज्य सरकारों को शिक्षा क्षेत्र में नवाचार तथा शोध संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अभाविप निरंतर अलग-अलग माध्यमों से संबोधित कर रहा है। अभाविप आशा करता है कि व्यापक संवाद के उपरांत प्रस्तावित विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति के बारे में सरकार को जो सुझाव दिए गए हैं, उस पर गंभीरता से विचार करते हैं, उन सुझावों को नीति में शामिल किया जाएगा।” (आईएएनएस)