केंद्रीय सूचना आयोग को नहीं पता कि आरोग्य सेतु ऐप किसने बनाया। इसको लेकर आयोग ने सरकार को नोटिस भेजा। इसके जवाब में माई गोव और डिजिटल इंडिया के सीईओ अभिषेक सिंह ने कहा कि नेशनल इंफोर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस ऐप को बनाया है। नेशनल इंफोर्मेटिक्स ब्यूरो, जो सरकारी वेबसाइट डिजाइन करता है और आईटी मंत्रालय के अंतर्गत आता है, ने एक आरटीआई जवाब में कहा था कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आरोग्य सेतु ऐप किसने बनाया है और इसे कैसे बनाया गया है। आरोग्य सेतु की वेबसाइट यह भी बताती है कि ऐप को एनआईसी और मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया था।
आईएएनएस से बात करते हुए, अभिषेक सिंह ने स्पष्ट किया, “इस बात पर कोई भ्रम नहीं है कि एनआईसी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मिल कर आरोग्य सेतु ने बनाया है। हमारे देश के सर्वश्रेष्ठ दिमाग ने इस ऐप को बनाया है।”
उन्होंने कहा कि जल्द ही एक विस्तृत प्रेस विज्ञप्ति जारी की जाएगी।
ये मुद्दा तब उठा जब सौरव दास नामक एक व्यक्ति ने शिकायत की, जिसमें कहा गया है कि संबंधित प्राधिकरण- एनआईसी, राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय – ये जानकारी देने में विफल रहे कि आरोग्य सेतु ऐप का निर्माण किसने किया।
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दास ने कहा कि आरटीआई एनआईसी के लिए दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि यह ऐप के निर्माण से संबंधित जानकारी नहीं रखता है, जो कि ऐप के डेवलपर के लिए बहुत ही आश्चर्यजनक है।
केंद्रीय सूचना आयोग ने अब सरकार और विभिन्न एजेंसियों को नोटिस भेजा है कि क्यों न उन पर आरोग्य सेतु निर्माण के बारे में जानकारी नहीं देने पर जुर्माना लगाया जाए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय सूचना आयोग ने एनआईसी से यह बताने के लिए भी कहा कि जब आरोग्य सेतु वेबसाइट में यह उल्लेख किया गया है कि इसे किसने डिजाइन, विकसित और होस्ट किया है, तो इसके पास कैसे यह जानकारी नहीं है।(आईएएनएस)