भातीय छात्र ने कोरोना काल में हासिल किए 20 इंटरनेशनल रिसर्च ऑफर

अभिषेक ने गैस टरबाइन इंजन पर डीआरडीओ के साथ काम किया है। उनके पास वर्तमान में आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी इंदौर और आईआईटी मद्रास से भी ऑफर है।

Abhishek Agrahari touching new heights
अभिषेक अग्रहरी ने शोध से जुड़ी कई इंटर्नशिप हासिल की है। (सांकेतिक चित्र, Pixabay)

ऐसे समय में जब पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही है तब टीआईईटी, पटियाला में तृतीय वर्ष के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र अभिषेक अग्रहरी ने इंग्लैंड और अमेरिका समेत शोध से जुड़ी कई इंटर्नशिप हासिल की है। उन्हें आईआईटी जैसे भारत के उच्च तकनीकी शिक्षा संस्थानों से भी जुड़ने का मौका मिला है। 20 वर्षीय अभिषेक के पास अभी 20 से अधिक रिसर्च इंटर्नशिप ऑफर है। लॉकडाउन और कोरोना संकटकाल के बीच भी अपनी रिसर्च में जुटे रहे अभिषेक अग्रहरी को यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड (इंग्लैंड,) पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी (अमेरिका), इलिनॉयस विश्वविद्यालय (अमेरिका), टेक्नीसीक यूनिवर्सिट म्यूनिख (जर्मनी), तेल अवीव विश्वविद्यालय, बीजिंग कम्प्यूटेशनल साइंसेज रिसर्च सेंटर (चीन), शंघाई जिया टोंग विश्वविद्यालय (चीन), ग्यांगसांग राष्ट्रीय विश्वविद्यालय (दक्षिण कोरिया), एडिलेड विश्वविद्यालय, पेट्रोलियम का ऑस्ट्रेलियाई स्कूल, यूनिवर्सिडैड पोलिटेकिनिका डी मैड्रिड (स्पेन), हेरियट-वॉट यूनीवेरिस्टी (एडिनबर्ग), लिथुआनियाई ऊर्जा संस्थान, और एकक्टे-इंस्टीट्यूटो यूनिवर्सिटारियो डे लिस्बोआ (लिस्बन) से रिसर्च इंटर्नशिप के ऑफर हैं।

अभिषेक ने गैस टरबाइन इंजन पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ काम किया है। आईआईटी बॉम्बे में फ्लूड स्ट्रक्चर इंटरेक्शन पर और आईआईटी कानपुर में तरल पदार्थ की गतिशीलता पर भी काम किया है। उनके पास वर्तमान में आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी इंदौर और आईआईटी मद्रास से भी ऑफर है।

अभिषेक अग्रहरी ने फ्लूड स्ट्रक्चर इंटरेक्शन और तरल पदार्थ की गतिशीलता पर काम किया है। (सांकेतिक चित्र, Pixabay)

नई दिल्ली में मयूर विहार फेज 3 में रहने वाले अभिषेक अग्रहरी ने आईएएनएस के साथ विशेष रूप से बात करते हुए कहा, गैर-आईआईटीयन होने के नाते इन प्रस्तावों को हासिल करना बहुत मुश्किल है। यह सभी ज्ञान और प्रतिभा के बारे में है। मुझे व्यापक कार्य करना था। कभी-कभी प्रोफेसर और संबंधित संस्थान सभी खचरें को वहन करते हैं, लेकिन कभी-कभी ऐसा नहीं होता है।

अभिषेक अग्रहरी ने कहा, मैं द्रव यांत्रिकी के व्यापक क्षेत्रों में अनुसंधान में सक्रिय रहा हूं, विशेष रूप से द्रव-संरचना बातचीत सिद्धांत, प्लाज्मा भौतिकी, जल तरंग यांत्रिकी, गतिज सिद्धांत (गतिज समीकरण और मॉडल जैसे बोल्ट्जमान समीकरण, तरल पदार्थ गतिज युग्मित मॉडल), गणितीय सामान्य सापेक्षता। इसके अलावा ब्लैक होल, गैर रेखीय तरंगों और गेज सिद्धांत के अचानक गुरुत्वाकर्षण पतन के कारण ब्लैक होल का निर्माण।

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अग्रहरी ने कहा, मैं अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रायोजकों की तलाश कर रहा है क्योंकि मैं एक ऐसे परिवार से हूं जो बहुत ही गरीबी के दौर से गुजर रहा है। मेरे पिता एक निजी फर्म में काम कर रहे थे, लेकिन अब वह कई महीनों से बेरोजगार हैं।

अभिषेक ने कहा,मैं अभी अमेरिका में होता, लेकिन कोरोना के कारण नहीं जा सका। कोरोना ने मुझे अपने मिशन में एक अस्थायी झटका दिया है। कई अन्य इंजीनियरिंग छात्र हो सकते हैं जो महामारी के कारण चूक गए हों। लेकिन मैंने सभी निराशा और हताशा को दूर करते हुए नए जोश के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है।(आईएएनएस)

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