असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य में 2016 से अब तक विभिन्न संगठनों के कम से कम 3,439 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है और राज्य सरकार उल्फा (वार्ता समर्थक गुट) सहित 11 चरमपंथी संगठनों के साथ बातचीत कर रही है। सरमा, जिनके पास गृह विभाग भी है, ने राज्य विधानसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि 6 जुलाई तक, 1,306 हथियार, 20,722 विभिन्न गोला-बारूद, 89 बम, 599 ग्रेनेड और 121.72 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किए गए हैं, जबकि आत्मसमर्पण करने वाले विद्रोहियों द्वारा 748 हथियार और 19,299 गोला-बारूद जमा किए गए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) और नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) वर्तमान में प्रतिबंधित संगठन हैं, जबकि कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (केएलओ) समूह भी सक्रिय है।
पूर्वोत्तर उग्रवादी संगठनों के लिए केंद्र सरकार की समर्पण-सह-पुनर्वास योजना के तहत राज्य सरकार ने सरकार के सामने आत्मसमर्पण करने वाले और हिंसा का रास्ता छोड़ने वाले उग्रवादियों के पुनर्वास के लिए विशेष पहल की है।
1,800 आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जा रहा है और उनमें से 1,192 को कुछ आजीविका परियोजनाओं को शुरू करने के लिए 1 लाख रुपये प्रदान किए गए हैं।
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एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि असम पुलिस के विभिन्न स्तरों के 29,948 पद रिक्त पड़े हैं, जिसमें 2016 से 15,248 रिक्तियां शामिल हैं। 2016 से खाली पड़े 15,248 पदों में से 4,537 को भविष्य में पदोन्नति के माध्यम से भरा जाना है। (आईएएनएस-PS)