उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने दिल्ली के दो मौलवियों के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की है, जिन पर लोगों को जबरन धर्म बदलने पर मजबूर करने का आरोप लगा है। ये मामला शाहजहांपुर जिले में एक हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन से जुड़ा है। 29 साल की लड़की ने दूसरे धर्म में धर्म परिवर्तन कर एक मुस्लिम युवक से शादी की थी। सूत्रों ने कहा कि वह अपने पति के साथ दिल्ली में है और एटीएस के अधिकारी उससे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। इस्लामिक दावा सेंटर का संस्थापक मोहम्मद उमर गौतम, जिसका दिल्ली के बाटला हाउस में कार्यालय है, उसे लोगों को इस्लाम अपनाने में मदद करने के लिए जाना जाता है। गौतम के साथ काम करने वाले एक अन्य मौलवी काजी जहांगीर आलम को भी गिरफ्तार किया गया है। लड़की ने स्थानीय मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में कहा है, ” जब मैं अपना धर्म परिवर्तित करना चाहती थी तो मैंने मदद के लिए ऑनलाइन खोज की। इन लोगों ने मुझे धर्मांतरण में मदद की। उन्होंने इसे पंजीकृत करने के लिए मेरा आधार कार्ड और कुछ अन्य दस्तावेज ले लिए।”
यह पूछे जाने पर कि क्या उनका परिवार धर्म परिवर्तन के लिए राजी है, लड़की ने कहा, ” जब मैंने उन्हें अपने फैसले के बारे में बताया तो वे खुश नहीं थे।” लड़की ने कहा है कि खाड़ी देशों में करियर की बेहतर संभावनाओं के लिए उसने अपना धर्म बदला है। वीडियो में लड़की को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “मैं आईजीआई हवाई अड्डे पर काम करती हूं और मुझे सिर्फ 20,000 रुपये मिलते हैं। दुबई में, मुझे हर महीने 2 से 3 लाख रुपये मिलने की संभावना है। इसलिए, मैंने इस्लाम धर्म अपना लिया।”
लड़की दिल्ली के लिए रवाना हुई और उसके बाद से घर नहीं लौटी!
लड़की शुक्रवार को दिल्ली के लिए रवाना हुई और उसके बाद से घर नहीं लौटी। उसका और उसके पति का फोन तब से बंद है। लड़की के चाचा ने संवाददाताओं से कहा, “मेरी भतीजी दिल्ली चली गई और वापस नहीं लौटी। अब उसने एक वकील के माध्यम से अपने पिता से संपर्क किया है, जिसने उसे आश्वासन दिया है कि वह जल्द ही लौट आएगी। अगर वह नहीं लौटी तो हम पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे।”
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एटीएस की करवाई!
धर्मांतरण मामले की जांच कर रहे एटीएस के एक अधिकारी ने कहा, “इस धर्मांतरण में शामिल होने के बाद मोहम्मद उमर गौतम और जहांगीर आलम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हम लड़की की तलाश कर रहे हैं क्योंकि वह लापता है। लड़की द्वारा पहले किए गए दावे सही नहीं लग रहे है। उसके पति की भूमिका भी संदिग्ध है और हम उसकी भूमिका की भी जांच कर रहे हैं।” मौलवियों पर धारा 153 ए (धर्म, नस्ल आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153 बी (राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक आरोप लगाना), 295 ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर या दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी भी वर्ग के अपने धर्म का अपमान करके), आईपीसी की धारा 511 (आजीवन कारावास या अन्य कारावास से दंडनीय अपराध करने का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया है। शाहजहांपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस. आनंद ने कहा, “हम इस मामले पर नजर रख रहे हैं और लड़की के पिता द्वारा लिखित में शिकायत करने के बाद प्राथमिकी दर्ज की जाएगी”(आईएएनएस-SHM)
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