योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार की इस साल 30 करोड़ पौधे लगाने की योजना वाल्मीकि की रामायण से प्रेरित है। सरकार रामायण में उल्लेखित पेड़ लगाने के लिए उत्सुक है और कई स्थानों पर ‘रामायण वन’ (Ramayana Van) (जंगल) बनाने की योजना बना रही है।
इन लघु वनों को बनाने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ स्थलों की पहचान की गई है। मुख्य वन संरक्षक मुकेश कुमार के अनुसार जल्द ही प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा।
वन विभाग पहले ही 88 पेड़ प्रजातियों की पहचान कर चुका है जिनका उल्लेख वाल्मीकि की रामायण में मिलता है। सूची में प्रजातियों के वैज्ञानिक नाम भी शामिल हैं।
इनमें से कुछ हैं प्रियांगु, बकुल, इंदुगी, वरण, तिनिश, धामन, सलाई, नीवार, अंकोल, भिलावा, गर्जन, पाताल, करज्ज, हिनताल, रंजक, पद्मक, बंधु जीव, कुरेंट, कटक, मुचकुंड, कुटज और सर्ज।
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इस वृक्षारोपण अभियान का उद्देश्य पेड़ों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और पेड़ों और जनता के बीच एक जुड़ाव विकसित करना है।
साथ ही श्रृंगार वन, तमाल वन, रसाल वन, चंपक वन, चंदन वन, अशोक वन, अनंग वन, विचित्र वन और विहार वन जैसे शास्त्रों में जिन वनों का उल्लेख मिलता है, उन्हें भी फिर से बनाया जाएगा। (आईएएनएस-SM)