एक नई लघु फिल्म, जिसका शीर्षक ‘लिव योर फेयरीटेल’ है, सोशल मीडिया पर जारी की गई है। इसकी खास बात यह है कि इसमें कोई भी पेशेवर कलाकार नहीं है और यह जीवन में पहली बार एक रेस्तरां में भोजन करने वाले झुग्गी-झोपड़ियों के पांच बच्चों के अनुभव को दिखाती है। अरसला कुरैशी और जस सागू द्वारा निर्मित लघु फिल्म का शनिवार को यूट्यूब पर प्रीमियर हुआ। धारावी स्लम में रहने वाली 12 वर्षीय मालेशा खारवा, जिन्हें स्लम की राजकुमारी के रूप में जाना जा रहा है, उन्होंने कहा, “मैं अभी जहां हूं, वहां बहुत खुश हूं। ऐसा समय है, जब लोग मुझे अब कहीं देखते हैं तो वह सोशल मीडिया के कारण मुझे पहचानते हैं। वे वास्तव में मुझे बताते हैं कि वे प्रशंसक हैं, जो मुझे बहुत गर्व और खुश महसूस कराता है।”
उन्होंने कहा, “जब मैं अरसला दीदी और जस दीदी से मिली तो मुझे बहुत आश्चर्य हुआ, क्योंकि उन्होंने मेरे, मेरे परिवार और दोस्तों के लिए बहुत कुछ किया। मेरा जीवन बदल गया है और यह मेरे लिए एक सपना सच होने जैसा है। मैं इसके लिए अपनी दोनों दीदी को धन्यवाद देना चाहूंगी।”
मालेशा के साथ अपनी पहली मुलाकात को याद करते हुए, जस ने कहा, “जीवन में ऐसे क्षण होते हैं, जो आपको मौलिक रूप से बदलते हैं। वे आपके सामने आते हैं और एक नए आयाम को उजागर करते हैं। यही कारण है कि मालेशा और उसके पूरे परिवार से मिलना हमारे लिए कितना अभिभूत करने वाला पल रहा। हमें नहीं पता था कि हम इतना प्यार पाने के लिए भी सक्षम थे, क्योंकि हम उनके प्यार की अभिव्यक्ति से अभिभूत हैं।”
उन्होंने कहा, “मालेशा एक जोशीली बच्ची है और बातचीत करना पसंद करती है। यह समझने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि एक पूरी नई दुनिया मालेशा के लिए खुल गई है और हम बहुत आभारी हैं कि हम उस आंतरिक दुनिया का एक हिस्सा हैं।”
वहीं अरसला ने बताया कि फिल्म की शूटिंग भी सामान्य नहीं रही, क्योंकि फिल्म के कुछ शॉट्स आईफोन पर लिए गए हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें यकीन है कि जब दर्शक फिल्म देखेंगे तो वह तकनीकी विसंगतियों पर ध्यान नहीं देंगे, क्योंकि इसमें बच्चों की अनकही भावनाओं को बेहतरीन कहानी के रूप में पेश किया गया है। फिल्म मालेशा के यूट्यूब चैनल पर रिलीज हुई है| (आईएएनएस-SM)