केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार खेती में अधिक तकनीक का उपयोग करने की इच्छुक है, ताकि किसानों को उनकी उपज से अधिक मूल्य मिल सके। तोमर ने यहां एक जनसभा में कहा, “अधिक प्रौद्योगिकी के उपयोग के अलावा, कृषि क्षेत्र में और सुधार के लिए कई प्रयास किए गए और कई योजनाएं शुरू की गई हैं। आज खाद्य उत्पादन के संदर्भ में हम अपनी आवश्यकता से अधिक उत्पादन करते हैं। हम आत्मनिर्भर हैं। कृषि उपज से संबंधित किसी भी क्षेत्र में हम या तो नंबर एक पर हैं या नंबर दो पर हैं।”
उन्होंने कहा, “यह कृषि उत्पादन उन्मुख नीति से किसान आय संवर्धन नीति की ओर बढ़ने का समय है।”
मंत्री ने कहा कि गांवों की परंपराएं और किसानों की ताकत बार-बार प्रशंसनीय साबित हुई है।
मंत्री ने कहा, “जब बड़ी मंदी ने बाजारों में प्रवेश किया था, तो हमारे कृषि क्षेत्र ने राष्ट्र को बचाया। यहां तक कि कोविड-19 महामारी के दौरान, हमने देखा कि कैसे कृषि क्षेत्र ने साहसपूर्वक प्रदर्शन किया है।”
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आत्मनिर्भर भारत चाहते हैं। इसके लिए हमें किसानों के कल्याण पर ध्यान देते हुए गांवों का विकास करना होगा।”
तोमर ने कहा कि क्लस्टर खेती को बढ़ावा देने के अलावा, सरकार खेती के क्षेत्र, खासकर छोटे पैमाने पर किसानों को मजबूत करने के लिए 10,000 नए एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) बनाएगी।
किसान आंदोलन के मुद्दों के समाधान हेतु, भारत सरकार ने 11 दौर में लगभग 45 घंटे किसान यूनियनों के साथ विमर्श किया।
दोनों पक्षों में सहमति के अभाव के कारण वार्ता आज स्थगित हो गई, इसका मुझे दुःख है।
आशा है किसान संगठन बड़े मन से प्रस्ताव पर पुनर्विचार करेंगे।https://t.co/esQ5tjfgWO pic.twitter.com/2pCag1oGH0— Narendra Singh Tomar (@nstomar) January 22, 2021
किसान आदोलन के मुद्दों के समाधान हेतु, भारत सरकार ने 11 दौर में लगभग 45 घंटे किसान यूनियनों के साथ विमर्श किया।
दोनों पक्षों में सहमति के अभाव के कारण वार्ता आज स्थगित हो गई, इसका मुझे दुःख है।
आशा है किसान संगठन बड़े मन से प्रस्ताव पर पुनर्विचार करेंगे।https://t.co/esQ5tjfgWO pic.twitter.com/2pCag1oGH0— Narendra Singh Tomar (@nstomar) January 22, 2021
उन्होंने कहा, “आजादी के बाद से कृषि क्षेत्र की वृद्धि में योगदान वांछित स्तर पर नहीं रहा है। अन्य क्षेत्रों में विदेशी और निजी निवेशों में वृद्धि को बढ़ावा देने की अनुमति दी गई थी, लेकिन कृषि क्षेत्र में इसकी अनुमति नहीं थी।”
यह भी पढ़ें :- महाभियोग से दूसरी बार बरी हुए ट्रंप
गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए, तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से बात करने को तैयार है। इसके अलावा तोमर ने हाल ही में पंजाब नागरिक चुनावों में भाजपा की हार को किसानों के आंदोलन और नाराजगी से जोड़ने वाली बात को भी खारिज कर दिया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता असम चुनाव से पहले दो दिवसीय दौरे पर गुवाहाटी पहुंचे थे और उन्होंने इस दौरान आगामी विधानसभा चुनाव के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के लिए राज्य के पार्टी नेताओं के साथ बैठक की।
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, वित्त और स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सरमा, राज्य भाजपा अध्यक्ष रणजीत कुमार दास, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा, जो असम मामलों के प्रभारी हैं, के साथ ही पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी बैठक में मौजूद थे।
असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव अप्रैल-मई में होने की उम्मीद है। (आईएएनएस )