केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि ‘इम्पैक्ड आधारित पृथ्वी अवलोकन आधारित सूचना का उपयोग करते हुए बाढ़ पूवार्नुमान’ पर एक परियोजना के लिए केंद्र शासित प्रदेश, ब्रिटेन की अंतरिक्ष एजेंसी के साथ हाथ मिला रहा है। उपराज्यपाल कार्यालय ने ट्वीट कर कहा कि यह कदम आकस्मिक योजना और बाढ़ स्थितियों में प्रतिक्रिया तंत्र के लिए उपयोगी होगा।
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— Office of the Lt. Governor, Ladakh (@lg_ladakh) February 11, 2021
राज्यपाल के कार्यालय ने ट्वीट किया, “जम्मू-कश्मीर ने ‘पृथ्वी अवलोकन आधारित सूचना का उपयोग करके’ इम्पैक्ट बेस्ड’ बाढ़ पूर्वानुमान के लिए ब्रिटिश स्पेस एजेंसी के कार्यक्रम के साथ हाथ मिलाया है। इम्पैक्ट आधारित पूर्वानुमान बाढ़ पूवार्नुमान सेवाओं का अगला चरण है।” /
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उन्होंने आगे कहा कि ये पहल जीवन की अपेक्षित हानि, लोगों के चोटिल होने, इमारते ढहने, बुनियादी ढांचे में व्यवधान और आर्थिक क्षति के संदर्भ में, बाढ़ के कराण जोखिमों की भविष्यवाणी करने के लिए एक ढांचा प्रदान करने के लिए है।
जम्मू कश्मीर में बाढ़ का खतरा रहता है। सितंबर 2014 में केंद्र शासित प्रदेश के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर बाढ़ आई। झेलम में बढ़ते जल स्तर ने कई स्थानों पर तटबंधों को तोड़ दिया और श्रीनगर और कश्मीर घाटी के कई अन्य शहरों में जानमाल के नुकसान सहित भारी तबाही मचाई। (आईएएनएस)