बिहार में मौसम अनुकूल खेती के लिए अब किसानों को जानकारी दी जाएगी। उनके गांव में ही वैज्ञानिक पहुंचेंगे और इसकी जानकारी दी जाएगी। किसानों को वैज्ञानिक न केवल मौसम अनुकूल खेती के लिए जागरूक करेंगे बल्कि, उन्हें तकनीकी तौर पर जमीन पर उतारने के गुर भी सिखाएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जलवायु परिवर्तन को देखते हुए मौसम अनुकूल खेती को अपनाने पर जोर दिया है। सरकार का मानना है कि मौसम में बदलाव का असर खेती पर तेजी से पड़ने लगा है। असमय और अनियमित वर्षा से कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ की स्थिति बन जाती है। इस स्थिति में सरकार को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के सभी जिलों के पांच गांवों को चयनित किया गया है, जहां किसानों को इसकी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों की देखरेख में इन गांवों में मौसम अनुकूल खेती प्रारंभ की गई है।
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इधर, कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों को भी खेती से जोड़े जाने की योजना है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति आर के सोहाने ने कहा कि कॉलेज के छात्रों को नई तकनीक की जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आज के छात्र कल के वैज्ञानिक हैं। विश्वविद्यालय का मानना है कि जब मौसम अनुकूल खेती पूरे प्रदेश में प्रारंभ होगी तब वैज्ञानिकों की भी आवश्यकता होगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि मिट्टी की जांच के बाद उसकी संरचना के अनुसार किसान फसल और उसकी किस्म का चयन करेंगे। (आईएएनएस)