उत्तर प्रदेश के शिल्पकारों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अवध शिल्पग्राम में यूपी की संस्कृति और विरासत को समेटे हुनर हाट में एक तरफ जहां आंध्र प्रदेश की सुनहरी साड़ी दमक रही है, वहीं हाथरस की हींग अपनी खुशबू से सबका ध्यान खींच रही है। बनारस का सिल्क हो या लखनऊ की चिकनकारी, एटा के घुंघरू हों या पीलीभीत की बांसुरी, बरेली के झुमके हों या अलीगढ़ के ताले.. अनेकता में एकता की झलक लिए हुनर हाट से अवध की शाम में चार चांद लग गए हैं। नवाबों की नगरी लखनऊ में ‘वोकल फॉर लोकल’ की थीम पर आयोजित होने वाले हुनर हाट में 75 जिलों के बेहतरीन कारीगर और शिल्पकार अपने हुनर से सभी का दिल जीत रहे हैं। इसके ही परिणाम हैं कि महज 12 दिनों में ओडीओडीपी स्टॉलों पर लगभग एक करोड़ 80 लाख से अधिक की बिक्री हो चुकी है। हुनर हाट के जरिए प्रदेश समेत दूसरे राज्यों के 500 से अधिक कारीगरों और शिल्पकारों को कोरोना काल के बाद भी उचित मंच देकर योगी सरकार ने उनके चेहरों पर बिक्री की चमक बिखेरी है।
ओडीओपी योजना दूसरे प्रदेशों के कारीगरों को लुभा रही है। हुनर हाट में तमिलनाडु से आई महिला कारीगर टी इंदिरा ने कहा कि, “पहली बार यूपी में स्टॉल लगाया है। राज्य सरकार की स्वर्णिम नीतियों ने यहां के कारीगरों को उचित मंच देकर उनके व्यापार को बढ़ावा दिया है। हुनर हाट में हम लोगों के उत्पादों की खूब बिक्री हो रही है।”
झारखंड से आए अशफाक ने बताया कि, “हैंडलूम के मामले में यूपी नंबर वन है, यहां की सरकार कारीगरों को बढ़ावा दे रही है। इसका ही परिणाम है कि उनके उत्पाद सरकार द्वारा दूसरे देशों में अब दोगुनी रफ्तार से निर्यात हो रहे हैं। मुझे खुशी है कि यूपी हुनर हाट में हम लोगों को मौका मिला।”
वेस्ट बंगाल की नसीरा खातून ने बताया कि दूसरे प्रदेशों के कारीगरों को योगी सरकार मौका दे रही है। जिससे कोरोना काल के बाद हम जैसे लोगों को सबल मिला है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा देश के दस्तकारों, शिल्पकारों को मार्केट मुहैया कराने के शानदार सफर को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अवध शिल्पग्राम में आयोजित हुनर हाट से सरकारी योजनाओं संग स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा मिल रहा है। ‘सबका साथ सबका विकास’ , ‘वोकल फॉर लोकल’ , ‘मिशन रोजगार’ व ‘मिशन शक्ति’ की मुहिम को योगी सरकार द्वारा आयोजित हुनर हाट से बढ़ावा मिल रहा है।
ओडीओपी योजना के तहत इस हाट में जहां एक ओर जनपदों के परंपरागत परिधानों, कला व उत्पादों को पहचान मिली है। वहीं दूसरी ओर कोरोना संकट के बाद व्यापार को योगी सरकार की स्वर्णिम नीतियों से गति मिली है।
यूपी में ओडीओपी योजना के जरिए एक जनपद एक उत्पाद प्रदेश के 75 जनपदों के उत्पादों को एक ओर विशिष्ट पहचान मिली है तो वहीं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी योजना के जरिए जनपद के कारीगरों का मान बढ़ा है। इस हुनर हाट में लोगों को अपने प्रदेश के बेशकिमती उत्पादों को खरीदने का मौका मिल रहा है। साथ ही प्रदेश की संस्कृति, सभ्यता व विरासत से भी लोग रूबरू हो रहे हैं। कन्नौज का इत्र, फिरोजाबाद के कांच, लखनऊ की चिकनकारी व जरदोजी, भदोही के कालीन, बुलंदशहर के सिरामिक्स, कासगंज की जरदोजी, अमेठी के मूंज के उत्पाद, मऊ व मुरादाबाद के धातु के आइटम, अमरोहा के वाद्य यंत्र लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।
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प्रदेश में पारंपरिक स्वदेशी इकोफ्रेंडली उत्पादों के जरिए प्लास्टिक मुक्त प्रदेश की ओर कदम तेजी से बढ़ रहे हैं। हुनर हाट में अवधवासियों को इकोफ्रेंडली का संदेश दिया जा रहा है। (आईएएनएस)