टाटा संस (Tata sons) के चेयरमैन एमेरिटस (मानद चेयरमैन) रतन टाटा (Ratan tata)) ने साइरस मिस्त्री के साथ विवाद के मामले में शुक्रवार को आए सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत का यह फैसला इस बात को साबित करता है कि टाटा संस अपने सिद्धांतों और मूल्यों पर हमेशा अडिग रहा है।
रतन टाटा ने ट्वीट कर कहा कि यह जीत और हार की बात नहीं थी। मेरे ग्रुप की ईमानदारी और नैतिकता को लेकर लगातार हमले किए गए। यह फैसला इस बात को साबित करता है कि टाटा संस अपने सिद्धांतों और मूल्यों पर हमेशा अडिग रहा है।
— Ratan N. Tata (@RNTata2000) March 26, 2021
ट्वीट में रतन टाटा (Ratan tata) ने यह भी लिखा कि ये हमारी न्यायपालिका की निष्पक्षता और पारदर्शिता को प्रदर्शित करता है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एनसीएलएटी के दिसंबर 2019 के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें सायरस मिस्त्री को टाटा समूह का दोबारा कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने का आदेश दिया गया था।
प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे (S A Bobde) की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कानून के सभी प्रश्न टाटा समूह के पक्ष में हैं। उन्होंने मिस्त्री द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया।
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बता दें कि टाटा समूह ने सायरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से 24 अक्टूबर 2016 को हटा दिया था। उनकी जगह रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया गया था। टाटा समूह ने एन. चंद्रशेखरन (Natarajan Chandrasekaran) को टाटा संस का चेयरमैन बनाया। दिसंबर 2012 को रतन टाटा ने टाटा संस के चेयरमैन पद से रिटायरमेंट ले ली थी, जिसके बाद साइरस मिस्त्री चेयरमैन बनाए गए थे। (आईएएनएस-SM)