By: विवेक त्रिपाठी
‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) योजना की लोकप्रियता के बाद योगी सरकार ने खाद पदार्थों की ब्रांडिंग का सिलसिला और तेज कर दिया है। बुंदेलखंड के झांसी में ‘स्ट्रॉबेरी महोत्सव’ के बाद इसने पूर्वांचल के कालानमक चावल(Kalanamak Rice) को चुना है। बुद्ध की नगरी कहे जाने वाले कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर में ‘कालानमक चावल महोत्सव’ 13, 14 और 15 मार्च को आयोजित होगा। हालांकि यह पहले से ही ओडीओपी का हिस्सा है। इसमें किसानों के अलावा फिल्मी हस्तियों का भी जमघट लगेगा।
राजकीय इंटर कॉलेज नौगढ़ के प्रांगण में आयोजित तीन दिवसीय इस महोत्सव में कालानमक चावल((Kalanamak Rice)) से निर्मित व्यंजनों के स्टाल लगाने के साथ उम्दा व्यंजन लगाने वालों को भी सम्मानित किया जाएगा। कालानमक चावल(Kalanamak Rice) महोत्सव में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें स्थानीय कलाकारों के अलावा सिने स्टार हेमा मालिनी, भोजपुरी कलाकार रवि किशन, मनोज तिवारी, गायिका मालिनी अवस्थी, मैथली ठाकुर, प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास के आने की संभावना है। इसमें छात्रों को भी अपनी प्रतिभा-प्रदर्शन का मौका मिलेगा।
महोत्सव में आने वाले लोग कालानमक चावल(Kalanamak Rice) से बने व्यंजन का स्वाद लेने के साथ कालानमक धान(Kalanamak Rice) के बीज और चावल के स्टॉल से खरीदारी भी कर सकेंगे। उन्हें केंद्र एवं प्रदेश सरकार के ओडीओपी योजना में शामिल कालानमक की खेती(Kalanamak Rice Farming) के बारे में जागरूक करने के साथ कालानमक चावल(Kalanamak Rice) की वैज्ञानिक खूबियों से भी अवगत कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(Yogi Adityanath) द्वारा आत्मनिर्भर भारत(Atmanirbhar Bharat) अभियान एवं लोकल फॉर वोकल अभियान के अंतर्गत एक जिला, एक उत्पाद के रूप में चयनित उत्पाद को प्रमोशन, मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग के क्रम के लिए मिले निर्देशों के क्रम में यह आयोजन किया जा रहा है। इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(Yogi Adityanath) द्वारा बुंदेलखंड में स्ट्रॉबेरी महोत्सव, अवध में गुड़ महोत्सव एवं पूर्वांचल के वाराणसी में प्रस्तावित टमाटर महोत्सव एवं गोरखपुर में प्रस्तावित सुनहरी शकरकंद महोत्सव के क्रम में सिद्धार्थनगर में कालानमक चावल(Kalanamak Rice) महोत्सव किया जा रहा है।
कालानमक चावल(Kalanamak Rice) महोत्सव में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल भी शामिल होंगे। कालानमक चावल(Kalanamak Rice) के विभिन्न व्यंजन प्रदर्शित होंगे। महोत्सव में कालानमक चावल(Kalanamak Rice) के विविध व्यंजन जैसे खीर, पुलाव, जीरा राइस, चावल, दाल, सब्जी, चावल-छोला, पोहा, खिचड़ी, फरा, इडली आदि का स्टाल लगाया जाएगा। इन स्टालों में केवल कालानमक चावल(Kalanamak Rice) से निर्मित व्यंजन रखे जाएंगे।
महोत्सव में लोगों को स्टॉल लगाने का भी अवसर दिया गया है ताकि उन्हें अपने कौशल को प्रदर्शित करने का मौका भी मिले। उत्कृष्ट स्टॉल संचालकों को सम्मानित एवं पुरस्कृत किया जाएगा। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। इस कार्यक्रम में प्रगतिशील किसानों, एफपीओ और स्वयं सहायता समूहों को भी कालानमक चावल(Kalanamak Rice) की खेती और उसके प्रसंस्करण संबंधी जानकारी प्रदान की जाएगी।
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यूपी के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल कहते हैं कि कालानमक चावल(Kalanamak Rice) अपनी एक अलग पहचान और खुशबू के लिए जाना जाता है। भगवान बुद्ध(Bhagwan Buddha) ने प्रसाद के रूप में कालानमक चावल(Kalanamak Rice) दिया था। इस ब्रांड को आगे बढ़ाने के लिए इसे ओडीओपी में शामिल किया गया है। कपिल महोत्सव के अंतर्गत ही कालानमक चावल(Kalanamak Rice) महोत्सव किया जा रहा है जिससे इसकी ब्रांडिंग और तेज हो सके। किसान इसके उत्पादन के लिए न केवल आगे आएंगे, बल्कि उनकी आमदनी में बढ़ोत्तरी भी होगी।
असल में कालानमक चावल बुद्ध के महाप्रसाद के रूप में प्रतिष्ठित है। भौगौलिक सम्पदा (जीआई) घोषित कालानमक अकेले सिद्धार्थनगर ही नहीं, बल्कि समान जलवायु वाले जनपदों गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, बस्ती, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा और श्रावस्ती का भी ‘एक जिला, एक उत्पाद’ है।(आईएएनएस-SHM)