कोविड-19 (Covid-19) लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान विभिन्न देशों से 45 लाख से अधिक लोगों का प्रत्यावर्तन (Reversion) वर्तमान सरकार की कूटनीति की सफलता पर प्रकाश डालता है। यह बात विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S.Jaishankar) ने सोमवार को संसद में कही। यह देखते हुए कि नाविक या मल्लाह भी एक ऐसी श्रेणी है, जिस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, मंत्री ने यह भी कहा कि क्रू चेंज रूल्स एक चुनौती पेश करते हैं, लेकिन यहां तक कि चीनी (China) बंदरगाहों पर चालक दल के साथ समस्या को सफलतापूर्वक हल किया गया है।
जयशंकर (Jaishankar) हाल ही में महामारी के दौरान विदेशों में भारतीयों, अनिवासी भारतीयों (NRI) (एनआरआई) और भारतीय मूल के व्यक्तियों (PIO) (पीआईओ) के कल्याण से संबंधित घटनाओं पर बोल रहे थे।
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime minister Narendra modi) के निर्देश पर चलाए गए वंदे भारत मिशन (Vande bharat mission) की उड़ानों के माध्यम से 45 लाख से अधिक लोग वापस लौट आए हैं। केंद्र सरकार ने 7 मई को वंदे भारत मिशन की शुरुआत की थी, ताकि कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के कारण विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाया जा सके।
आंकड़ों का हवाला देते हुए, जयशंकर (Jaishankar) ने कहा कि केरल में सबसे अधिक संख्या में लोगों की स्वदेश वापसी संभव हुआ है, जो विभिन्न देशों में लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान रह रहे थे। वे महामारी के प्रसार से बचने के लिए भारत सहित दुनिया भर में लगाए गए आपातकालीन प्रतिबंधों के कारण फंस गए थे।
मंत्री ने कहा कि इस प्रक्रिया में सरकार ने भारतीय समुदाय कल्याण कोष से 33.5 करोड़ रुपये खर्च किए।
जयशंकर (Jaishankar) ने कहा, “पार्टनर गवर्मेंट (Partner Government) के बिना यह सबसे बड़ा प्रत्यावर्तन (Reversion) संभव नहीं था। इससे वर्तमान सरकार की कूटनीति की सफलता उजागर हुई।”
उन्होंने आगे कहा कि भारत (India) ने अब तक 27 देशों के साथ एयर बबल के समझौते की पुष्टि की है और लोग और छात्र वापस लौट रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि सरकार पार्टनर गवर्मेंट्स (Partner Government) से हमारे नागरिकों के रोजगार को सहानुभूतिपूर्वक तरीके से देखने का आग्रह कर रही है।
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जयशंकर (Jaishankar) ने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री के निर्देशों के तहत, भारत (India) ने सऊदी अरब (Saudi Arabia), कतर और ओमान (Oman) के साथ बातचीत करते हुए खाड़ी क्षेत्र में खाद्य पदार्थों और दवाओं को प्रदान करने के अपने प्रयास को कैसे आगे बढ़ाया।
विदेश मंत्री ने कहा, “रोजगार बहाल करना हमारे एजेंडे का मूल है। छात्रों का कल्याण हमारी प्राथमिकता है।” (आईएएनएस-SM)