पीएम मोदी की कविता में राष्ट्रीय सुरक्षा सहित कई मुद्दों पर छिपे बड़े संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नए साल के पहले दिन वर्ष 2021 को लेकर खुद की आवाज में स्वरचित प्रेरणादायी कविता जारी की है। ‘अभी तो सूरज उगा है’-शीर्षक से केंद्र सरकार के ट्विटर हैंडल मॉय जीओवी इंडिया पर शेयर हुई इस कविता में प्रधानमंत्री मोदी कई बड़े संदेश देते नजर आए हैं। प्रधानमंत्री

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नए साल के पहले दिन वर्ष 2021 को लेकर खुद की आवाज में स्वरचित प्रेरणादायी कविता जारी की है। ‘अभी तो सूरज उगा है’-शीर्षक से केंद्र सरकार के ट्विटर हैंडल मॉय जीओवी इंडिया पर शेयर हुई इस कविता में प्रधानमंत्री मोदी कई बड़े संदेश देते नजर आए हैं। प्रधानमंत्री मोदी की हर पंक्तियों और उसके बैकग्राउंड में इस्तेमाल हुई तस्वीरों में खास संदेश छिपे हैं। माना जा रहा है कि पीएम मोदी ने वर्ष 2021 को लेकर अपने विजन और प्राथमिकताओं को जनता से साझा किया है। कविता में छिपे हैं ये संदेश-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कविता में ‘आसमा में सर उठाने’ और ‘आग को समेटने’ की बात की है। इसके बैकग्राउंड में भारतीय सेना के जवानों, लड़ाकू विमानों और इसरो के राकेट लांचिंग की तस्वीरें हैं। इन लाइनों और तस्वीरों के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा को सरकार की प्राथमिकता होने का संदेश दिया है। कविता में विश्वास की लौ जलाने की बात के दौरान बैकग्राउंड में खेत, खलिहान और ट्रैक्टर चलाते किसान की तस्वीर दिखती है।

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माना जा रहा कि इसके जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार के किसान हितैषी होने का संदेश दिया है। मौजूदा समय चल रहे किसान आंदोलन के बीच यह संदेश काफी खास है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस वीडियो में दिल्ली के गुरुद्वारे में जाने के दौरान की तस्वीर भी शेयर की है। कुछ तस्वीरों के जरिए सरकार की प्राथमिकता में महिलाओं की बेहतरी की दिशा में कार्य करने का संदेश दिया गया है। इसके अलावा न मेरा न तेरा की बात कहते हुए प्रधानमंत्री ने सबका साथ, सबका विकास का भी संदेश दिया है।

प्रधानमंत्री की पूरी कविता-

आसमा में सर उठाकर

घने बादलों को चीरकर

रोशनी का संकल्प ले

अभी तो सूरज उगा है।।

ढृढ़ निश्चय के साथ चलकर

हर मुश्किल को पार कर

घोर अंधेरे को मिटाने

अभी तो सूरज उगा है।।

विश्वास की लौ जलाकर

विकास का दीपक लेकर

सपनों को साकार करने

अभी तो सूरज उगा है ।।

न अपना न पराया

न मेरा न तेरा

सबका तेज बनकर

अभी तो सूरज उगा है ।।

आग को समेटते हुए

प्रकाश को बिखेरता

चलता और चलाता

अभी तो सूरज उगा है

अभी तो सूरज उगा है।।

(आईएएनएस)

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