पुडुचेरी की विधासभा में सोमवार को खासी नाटकीय स्थिति देखने को मिली। फ्लोर टेस्ट के पहले पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी.नारायणसामी और सत्तारूढ़ सरकार के विधायकों ने सदन से वॉक आउट कर दिया। वॉक आउट करने से पहले नारायणसामी ने केंद्र पर विपक्ष के साथ मिलीभगत कर उनकी सरकार गिराने का आरोप लगाया। साथ ही अपने 3 नॉमिनेटेड विधायकों के मतदान करने के अधिकार को लेकर भी उन्होंने बहस की। फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “भाजपा भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को पटरी से उतारने का काम कर रही है। पुडुचेरी में जो हो रहा है वह राजनीतिक वेश्यावृत्ति है, लेकिन जीत सच्चाई की होगी।”
इतना ही नहीं नारायणसामी ने पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी और केंद्र पर विपक्ष के साथ मिलकर उनकी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया। बात दें कि पिछले 1 महीने में उनकी सरकार के 6 विधायकों द्वारा इस्तीफा देने के बाद नारायणसामी की सरकार अल्पमत में आ गई थी। इन विधायकों को लेकर उन्होंने कहा था कि इस्तीफा देने वाले विधायक लोगों का सामना नहीं कर पाएंगे क्योंकि लोग उन्हें अवसरवादी कहेंगे।
उन्होंने कहा, “हमारे विधायक एकजुट रहे और हम बीते 5 साल में हमने अच्छे से सरकार भी चलाई लेकिन हमारे अनुरोध के बाद भी केंद्र ने हमें फंड न देकर पुडुचेरी के लोगों को धोखा दिया है।”
यह भी पढ़ें: बंगाल में सियासी घमासान के बीच उठ रहे हैं कई नए मुद्दे
मुख्यमंत्री ने यह दावा भी किया कि केंद्र शासित प्रदेश के लोग कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के साथ हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि द्रमुक और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने के बाद गठबंधन ने सभी उपचुनाव भी जीते। नारायणसामी ने कहा, “लोगों ने हम पर भरोसा किया था तभी उन्होंने हमें चुना था लेकिन जीतने में नाकाम रहा विपक्ष सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है।”
बता दें कि तेलंगाना के राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने 18 फरवरी को पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार संभालने के बाद मुख्यमंत्री को विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद रविवार को 2 और विधायकों द्वारा इस्तीफा देने के बाद सत्तारू ढ़ गठबंधन की 30 सदस्यीय विधानसभा में संख्या केवल 12 बची थी।(आईएएनएस)