बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने गुरुवार को यहां कहा कि पिछले 100 सालों में समय काफी बदल चुका है। आज केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार किसानों की आय दोगुना करने का प्रयास कर स्वामी सहजानंद सरस्वती जी के सपनों को ही साकार कर रही है। मोदी ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि किसानों की जमीन पर जबरन झंडा गाड़ कर कब्जा करने, हिंसा में विश्वास करने वाले कुछ लोग आज किसान आंदोलन के प्रणेता स्वामी जी का जयंती समारोह आयोजित कर रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
स्वामी सहजानंद सरस्वती की 132 वीं जयंती पर बिहार इंडस्ट्री एसोसिएशन के सभागार में आयोजित एक व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि स्वामी जी आजीवन किसानों के शोषण को लेकर जमींदारों के खिलाफ संधर्ष करते रहे। उनके ही प्रयास का प्रतिफल था कि आजादी के बाद गठित पहली सरकार को संविधान में पहला संशोधन कर जमींदारी उन्मूलन का कानून बनाना पड़ा।
उन्होंने कहा, “पिछले 100 सालों में समय काफी बदल चुका है। आज केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार किसानों की आय दोगुना करने का प्रयास कर स्वामी जी के सपनों को ही साकार कर रही है।”
केंद्र सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने को कृतसंकल्पित है। pic.twitter.com/hYf0xiQc3h
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) March 11, 2021
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मोदी ने कहा है कि जिन 3 राज्यों पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से के कुछ किसान कृषि सुधार बिल के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं, वे ही 2020-21 में एमएसपी पर अब तक खरीदे गए कुल धान का आधा बेचा है।
उन्होंने कहा, “पिछले साल की तुलना में इस साल अभी तक एमएसपी पर करीब 17 प्रतिशत अधिक धान की खरीद हुई है। बिहार के भी करीब 5 लाख किसानों ने 6,737़61 करोड़ का 35.67 लाख मीट्रिक टन धान एमएसपी पर बेचा है। एक ओर तो किसान एमएसपी पर धान बेच रहे हैं, दूसरी ओर कुछ लोग एमएसपी खत्म होने का दुष्प्रचार कर धरना दे रहे हैं।”
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अगर नया कृषि कानून किसानों के खिलाफ है तो इन तीन राज्यों के कुछ जिलों को छोड़कर देश के बाकी किसान आंदोलन क्यों नहीं कर रहे हैं?
( AK आईएएनएस )