गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (Gurugram Metropolitan Development Authority) (जीएमडीए) के अधिकारियों ने कहा है कि सिकंदरपुर और चकरपुर के अरावली क्षेत्र में शहरी वन (Urban forest) विकसित किया जाएगा। 100 हेक्टेयर (250 एकड़) वन भूमि पर प्रस्तावित इस परियोजना के लिए फेंसिंग (चारों ओर से बाड़ लगाना) की जानी है, जिसके लिए जीएमडीए ने तैयारी शुरू कर दी है।
प्राधिकरण के अधिकारियों ने कहा कि शहरी वन विकसित करने का काम किसी एनजीओ या संगठन द्वारा किया जाएगा।
सिकंदरपुर और चकरपुर में एक बड़ा अरावली वन (Aravali region) क्षेत्र है। पिछले साल गुरुग्राम नगर निगम (Gurugram Municipal Corporation) (एमसीजी) ने इस क्षेत्र से लगभग 2,000 अवैध झोपड़ियों को हटाया था।
अधिकारियों के अनुसार, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन (Climate change) मंत्रालय ने देश भर में 200 शहरी जंगलों को विकसित करने की योजना बनाई है। यह परियोजना मंत्रालय द्वारा 5 जून, 2020 को शुरू की गई थी और शहरी वन को इस योजना के तहत विकसित किया जाएगा।
अधिकारियों ने कहा कि शहरी वन की विशेषताएं पर्यावरण (Environment) के अनुकूल होंगी – जैसे फूल, छायादार पेड़, बेल, औषधीय पौधों सहित विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे, वॉक-वे और साइकिल ट्रैक का निर्माण किया जाएगा, पीने के पानी की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
जिला वन अधिकारी और शहरी पर्यावरण बोर्ड जीएमडीए के अध्यक्ष सुभाष यादव ने कहा, “शहरी वन के विकास के साथ ही प्रदूषण कम होने की उम्मीद है। सिकंदरपुर (Sikanderpur) और चकरपुर (Chakarpur) का यह क्षेत्र शहर से सटा हुआ है। वर्तमान में अरावली के इस क्षेत्र में केवल कांटेदार झाड़ियां हैं। नए पौधों और सुविधाओं के फलस्वरूप 250 एकड़ क्षेत्र में फैला यह क्षेत्र प्रकृति प्रेमियों और मॉनिर्ंग वॉकर्स के लिए एक नया हॉट-स्पॉट बन जाएगा।”
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साथ ही डीएलएफ और सुशांत लोक सहित आसपास की कॉलोनियों में हवा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। शहरी वन विकसित करने का काम किसी एनजीओ या संस्था को सौंपा जाएगा। यादव ने कहा कि जीएमडीए द्वारा 12 अप्रैल तक आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। (आईएएनएस-SM)