भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद यादव की 136वें जयंती, कई बड़े नेताओं ने किया याद

आज भारत रत्न एवं प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 136वीं जयंती है। कई बड़े नेताओं ने राजेंद्र बाबू को अपने ट्वीट द्वारा याद किया और नमन किया।

0
344
Rajendra Prasad डॉ. राजेंद्र प्रसाद
भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद।(Wikimedia Commons)

आज भारत के प्रथम राष्ट्रप्रति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती है। भारत को स्वतंत्रता में इनका भी अहम योगदान था। 3 दिसंबर 1884 में बिहार के सारण(सीवान) जिले के जरदोई गांव में जन्मे राजेंद्र प्रसाद के पिता महादेव सहाय संस्कृत और फ़ारसी के विद्वान थे। आज उनके 136वें जयंती पर कई बड़े नेताओं ने उन्हें याद किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में डॉ. राजेंद्र प्रसाद की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया।

देश के उप-राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू अपने ट्वीट द्वारा डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को याद करते हुए लिखते हैं कि “देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद जी की जन्म जयंती के अवसर पर उनकी पुण्य स्मृति को सादर नमन करता हूं। संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में तथा राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने जिन संवैधानिक मर्यादाओं को स्थापित किया, उनका पालन करना भारत के हर नागरिक का कर्तव्य है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट के द्वारा डॉ. प्रसाद को याद किया और वह लिखते हैं कि “पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती पर उन्हें मेरी सादर श्रद्धांजलि। स्वतंत्रता संग्राम और संविधान निर्माण में उन्होंने अतुलनीय भूमिका निभाई। सादा जीवन और उच्च विचार के सिद्धांत पर आधारित उनका जीवन देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।”

यह भी पढ़ें: श्रीमद्भगवद्गीता और अज़ान पर क्यों अटकाई गई सूई?

डॉ. राजेंद्र प्रसाद सरल व्यक्तित्व के नेता थे और उनकी कार्यनिष्ठा से गांधी जी भी खासा प्रभावित थे। राजेंद्र बाबू ने स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ने के लिए कलकात्ता विश्वविद्यालय के सेनिटर पद से त्याग दे दिया था। और तो और गांधी जी द्वारा चलाए गए विदेशी संस्थाओं के बहिष्कार हेतु डॉ. प्रसाद ने अपने पुत्र मृत्युंजय प्रसाद को कलकत्ता विश्वविद्यालय से हटाकर बिहार विद्यापीठ में दाखिला करवा दिया था। साल 1962 में उन्हें देश के सबसे बड़े उपाधि भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here