भारत सरकार जुलाई तक कोरोनावायरस वैक्सीन की 30 से 40 करोड़ खुराक (डोज) प्राप्त करना चाह रही है, जिसे एक अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संघ द्वारा विकसित किया जा रहा है, जिसमें पुणे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) शामिल है। एक शीर्ष अधिकारी ने यहां शनिवार को यह जानकारी दी।
कोविडशील्ड वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, एस्ट्राजेनेका और एसआईआई द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया जा रहा है। एसआईआई दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्सीन की स्थिति की जांच करने के लिए शनिवार शाम को समय बिताया।
मोदी का एसआईआई के संस्थापक-अध्यक्ष साइरस पूनावाला, सीईओ अदार पूनावाला, उनकी पत्नी और कार्यकारी निदेशक नताशा ए. पूनावाला और अन्य अधिकारियों ने जोरदार स्वागत किया।
एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने मीडिया के साथ एक वीडियो-कॉन्फ्रेंस में कहा कि वर्तमान में एसआईआई फिलहाल पांच से छह करोड़ खुराक का निर्माण कर रहा है और जनवरी 2021 तक इसे 10 करोड़ तक बढ़ाया जाएगा।
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लोगो ने ली खुराक
अदार पूनावाला ने कहा, “अभी हमारे पास भारत सरकार की तरफ से लिखित में कुछ भी नहीं है कि वे कितनी खुराक खरीदेंगे। हमें लगता है कि जुलाई, 2021 तक 30 से 40 करोड़ खुराक की जरूरत होगी।”
एसआईआई ने आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिलने के बाद टीके के कार्यान्वयन योजना के बारे में मोदी के साथ चर्चा की।
एसआईआई के सीईओ ने कहा कि कंपनी की प्राथमिकता भारत है और कोविडशिल्ड वैक्सीन को शुरू में घरेलू स्तर पर वितरित किया जाएगा।
पूनावाला ने कहा कि वैक्सीन शुरू में भारत में वितरित की जाएगी। इसके बाद हम इसे अन्य देशों में वितरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड की ओर से ब्रिटेन और यूरोपीय बाजारों में दवा उपलब्ध कराने पर भी ध्यान रखा जा रहा है, मगर हमारी प्राथमिकता भारत ही है। (आईएएनएस)