ट्रांसजेंडर्स के अधिकारों के लिए विकसित हुआ राष्ट्रीय पोर्टल

केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि 29 सितंबर 2020 को ट्रांसजेंडर के अधिकारों का संरक्षण नियम 2020 की अधिसूचना के दो महीने के भीतर यह राष्ट्रीय पोर्टल विकसित किया गया है।

National portal developed for transgender rights
यह पोर्टल ट्रांसजेंडर्स को प्रमाण पत्र और पहचान पत्र के लिए डिजिटल रूप से आवेदन करने में मदद करेगा। (Unsplash)

केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने ट्रांसजेंडर्स को बड़ी राहत दी है। एक ऐसा पोर्टल तैयार हुआ है, जिससे पहचान पत्र और प्रमाण पत्र के लिए देश में कहीं से भी कोई ट्रांसजेंडर डिजिटल रूप से आवेदन कर सकेगा।

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने बुधवार को ‘ट्रांसजेंडर लोगों के लिए राष्ट्रीय पोर्टल’ लांच करने के साथ गुजरात के वडोदरा में एक ‘गरिमा गृह : ए शेल्टर होम फॉर ट्रांसजेंडर पर्सन्स’ का उद्घाटन किया।

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इस अवसर पर राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, रामदास अठावले, रतन लाल कटारिया, ट्रांसजेंडर राष्ट्रीय परिषद के सदस्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सचिव आर सुब्रह्मण्यम उपस्थित रहे।

Thawar Chand Gehlot
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत। (Wikimedia Commons)

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि 29 सितंबर 2020 को ट्रांसजेंडर के अधिकारों का संरक्षण नियम 2020 की अधिसूचना के दो महीने के भीतर यह राष्ट्रीय पोर्टल विकसित किया गया है। यह अत्यधिक उपयोगी पोर्टल देश में कहीं से भी एक ट्रांसजेंडर को प्रमाण पत्र और पहचान पत्र के लिए डिजिटल रूप से आवेदन करने में मदद करेगा।

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मंत्री ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह ट्रांसजेंडर को किसी भी कार्यालय जाए बिना आई-कार्ड प्राप्त करने में मदद करता है।

पोर्टल के माध्यम से, वे अपने आवेदन की स्थिति की निगरानी कर सकते हैं। एक बार प्रमाण पत्र और आई-कार्ड जारी होने के बाद, आवेदक उन्हें पोर्टल से ही डाउनलोड कर सकते हैं। (आईएएनएस)

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