रायबरेली में बनेगी दुनिया की सबसे बड़ी रेल कोच फैक्ट्री : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायबरेली में दुनिया की सबसे बड़ी रेल फैक्ट्री बनाने का एलान करते हुए कहा है कि अभी तक रायबरेली की रेल कोच फैक्ट्री पर निवेश हुआ, घोषणा हुई, लेकिन यहां केवल बोगियों रंग दिया जाता रहा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी । (Wikimedia commons)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायबरेली में दुनिया की सबसे बड़ी रेल फैक्ट्री बनाने का एलान किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, “हम अपने सामर्थ्य का उपयोग ही नहीं कर पाए। रायबरेली की रेल कोच फैक्ट्री पर निवेश हुआ, घोषणा हुई, लेकिन यहां केवल बोगियों रंग दिया जाता रहा।

2014 में हमने सोच बदली। आज सैकड़ों डिब्बे बन रहे हैं। इस पर यूपी को गर्व होगा। दुनिया की सबसे बड़ी रेल कोच फैक्ट्री बनेगी रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री। आत्मबल न हो तो सही नतीजा नहीं मिलता है। एक जमाने में यूरिया उत्पादन के कई कारखाने थे, फिर भी हम बाहर से मंगाते थे। हमारे कारखाने पूरी ताकत से काम नहीं करते थे। हमने कड़े फैसले लिए। काम बढ़ गया। युरिया की 100 फीसदी को नीमकोटिंग किया। पहले भी कुछ मात्रा में होता था। हमने सौ फीसद नीमकोटिंग की।”

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प्रधानमंत्री मोदी की लखनऊ पर चर्चा

उन्होंने कहा कि, “अपार उपलब्धियों का एक जीता जागता इतिहास है। यहां देश दुनिया के लिए अनेक प्रतिभाओं को बनते हुए देखा है। यहां के छात्र अनेक जगह पहुंचे। लखनऊ यूनिवर्सिटी के कला संकाय प्रांगण में नेता सुभाष चन्द्र बोस की आवाज गूंजी थी। कल जब संविधान दिवस मनाएंगे तब नेता जी की याद आएगी। मैं सभी विभूतियों का अभिनन्दन करता हूं। मैंने जब यहां से पढ़े लोगों से बात की उनकी आंखों चमक आ जाती है। लखनऊ हम पर फिदा और हम फिदा-ए-लखनऊ। टैगोर लाइब्रेरी और कैंटीन के समोसे और बन मक्खन याद रहता है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “आज एकादशी है। देवगण सोने जाते हैं। आज देव जागरण का दिन है। जब सभी प्राणी के साथ देवता सो रहे होते हैं, तब संयमी मानव लोक कल्याण के लिए काम करता है। देश को प्रेरित करने वाले नागरिकों का निर्माण ऐसे ही केंद्रों में होता है। कोरोना में अनेक संसाधन यहां जुटाएं गए हैं। मेरा सुझाव है जिन जिलों में आपका दायरा है वहां के लोकल कोर्स, वहां का स्किल विकास विश्वविद्यालय में किया जाए।

रिसर्च, ब्रांडिंग, मार्केटिंग भी कोर्स का हिस्सा हो सकते हैं। लखनऊ की चिकनकारी, मुरादाबाद का पीतल, अलीगढ़ के ताले, भदोही की कालीन इन पर नए सिरे से काम हो। यही नहीं आर्ट, कल्चर, हेरिटेज की ग्लोबल रीच पर काम किया जाए। कोई योग कहता है कोई योगा कहता है। मगर पूरी दुनिया को इसने जोड़ दिया है।”पीएम मोदी ने कहा, “लखनऊ विश्वविद्यालय ऊंचे लक्ष्य हासिल करने का केंद्र है। यहां के अधयापक अपने विद्यार्थी को निखारते हैं। (आईएएनएस)

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