प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने शुक्रवार को पांचवें आयुर्वेदिक दिवस के अवसर पर जामनगर में आयुर्वेद शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआरए) और जयपुर में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) का वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया। इन संस्थानों से 21वीं सदी में आयुर्वेद की प्रगति और विकास में पूरी दुनिया में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने की उम्मीद की जाती है। दरअसल, केंद्र सरकार का मानना है कि जन स्वास्थ्य की चुनौतियों के लिए प्रभावी और सस्ते समाधान उपलब्ध कराने में आयुष स्वास्थ्य पद्धतियों का अभी तक समुचित उपयोग नहीं हो सका है। ऐसे में इसके उपयोग को बढ़ावा देने की कोशिश चल रही है। इसके लिए आयुष शिक्षा का आधुनिकीकरण भी प्राथमिकता के क्षेत्र में है। इस उद्देश्य से पिछले तीन-चार वर्षों में मोदी सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
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आयुर्वेद शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, जामनगर को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में और राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर को विश्वविद्यालय दर्जा हासिल करने वाले संस्थान के रूप में राष्ट्र को समर्पित करना, न केवल आयुर्वेदिक शिक्षा के आधुनिकीकरण बल्कि परम्परागत औषधि के क्रमिक विकास में भी ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इससे उन्हें आयुर्वेदिक शिक्षा के मानकों को उन्नत बनाने, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मांग के अनुरूप विभिन्न पाठ्यक्रमों को तैयार करने और अधिक से अधिक प्रमाणों के लिए आधुनिक अनुसंधान में श्रेष्ठता प्राप्त करने के लिए स्वायत्तता प्राप्त होगी।(आईएएनएस)