उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए अच्छी खबर। युवाओं को नौकरी और सेवायोजन के काम को अभियान का रूप देते हुए योगी सरकार मिशन रोजगार का आगाज करने जा रही है। मुख्यमंत्री ने नवम्बर 2020 से मार्च 2021 तक प्रदेश में 50 लाख युवाओं को सेवायोजित करने का लक्ष्य तय किया है। यह सेवायोजना मनरेगा से अलग होगी। इसमें सरकारी विभागों, परिषद, निगमों में खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तो पूरी होगी ही, सरकारी प्रयासों से निजी क्षेत्र में अथवा स्वरोजगार के नए अवसर भी सृजित किए जाएंगे। मिशन रोजगार की कार्ययोजना तैयार है, दीपावली के बाद मुख्यमंत्री इसकी औपचारिक शुरूआत करेंगे। बुधवार को मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने शासन स्तर के उच्चाधिकारियों के साथ मिशन रोजगार की कार्ययोजना पर विचार विमर्श कर अंतिम रूप दिया।
मुख्य सचिव ने कहा कि, “मिशन रोजगार के अन्तर्गत प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों, संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं, निगम परिषदों, बोर्डो तथा प्रदेश सरकार के विभिन्न स्थानीय निकायों के माध्यम से एक समन्वित रूप से प्रदेश में स्वरोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित किए जाने का अभियान चलाया जाये।”
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योगी आदित्यनाथ की अगवाई में ‘मिशन रोजगार’
मुख्यमंत्री के निर्देशन में शुरू होने जा रहा यह महाभियान शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। अब हर वित्तीय वर्ष में विभागवार रोजगार सृजन का लक्ष्य तय होगा। चालू वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक 50 लाख युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण के माध्यम सक्षम बनाया जाएगा।
मिशन रोजगार के अंतर्गत प्रत्येक विभाग, संगठन अथवा प्राधिकरण के कार्यालय में एक रोजगार हेल्प डेस्क बनाया जाएगा। हेल्प डेस्क उस विभाग से सम्बन्धित सेवायोजन कार्यक्रमों का लाभ पाने के इच्छुक युवाओं को जानकारी देगा। ऐसे विभाग जिनके रोजगार, स्वरोजगार तथा कौशल प्रशिक्षण की योजनाएं ऑनलाईन चलाई जा रही हैं, इन रोजगार हेल्प डेस्क के माध्यम से उन्हें ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन हेतु प्रेरित किया जाएगा।
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प्रदेश में अब रोजगार व सेवायोजन का डेटाबेस तैयार होगा। इस संबंध में निदेशालय प्रशिक्षण एवं रोजगार द्वारा एक एप तथा पोर्टल भी विकसित किया जा रहा है। पोर्टल पर हर पाक्षिक आधार पर रोजगार से संबंधित डाटा अपडेट होगा। इसके लिए प्रशासकीय विभागों के अन्तर्गत समस्त निदेशालय निगम बोर्ड आयोग आदि अपने विभाग के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करेंगे। मिशन रोजगार के सम्पूर्ण कार्यक्रम अभियान का संचालन औद्योगिक विकास आयुक्त द्वारा किया जाएगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति मासिक रूप से अभियान का अनुश्रवण करेगी। वहीं हर जनपद में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति होगी जो रोजगार स्वरोजगार के लिए जनपद स्तर पर कार्ययोजना बनाएगी। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय द्वारा निजी उद्योगों के साथ मिलकर रोजगार मेलों का आयोजन तो होगा ही, पूर्व में लम्बित भर्ती प्रकरणों का निस्तारण भी कराया जाएगा। (आईएएनएस)