भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को गुरुवार को यहां राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने नेपाल सेना के जनरल के मानद रैंक से सम्मानित किया। राष्ट्रपति के आधिकारिक ‘शीतल निवास’ पर एक विशेष समारोह में उन्हें सम्मानित किया गया।
काठमांडू में भारतीय दूतावास के अनुसार, उन्हें समारोह के दौरान एक तलवार और एक स्क्रॉल भी प्रदान किया गया।
इस समारोह में नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली, भारतीय राजदूत विनय एम. क्वात्रा और दोनों देशों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
दोनों देशों के सेना प्रमुखों को मानद उपाधि से सम्मानित करने की सात दशक पुरानी परंपरा चली आ रही है। कमांडर-इन-चीफ जनरल के.एम. करियप्पा पहले भारतीय सेना प्रमुख थे जिन्हें 1950 में इस उपाधि से सम्मानित किया गया था। पिछले साल जनवरी में, नेपाली सेना के प्रमुख जनरल पूर्णचंद्र थापा को भी एक समारोह में भारतीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नई दिल्ली में भारतीय सेना के जनरल उपाधि से सम्मानित किया था।
समारोह के बाद, जनरल नरवणे नेपाल में भारत के राजदूत क्वात्रा के साथ राष्ट्रपति भंडारी से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान, नरवणे ने उन्हें दिए गए सम्मान के लिए उनका आभार व्यक्त किया और भारत और नेपाल के बीच द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की।
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इससे पहले, नेपाल सेना प्रमुख जनरल पूर्णचंद्र थापा के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद, नरवणे ने नेपाल सेना के दो फील्ड अस्पतालों में चिकित्सा उपकरण भेंट किए।
उपकरण में एक्स-रे मशीन, कंप्यूटेड रेडियोग्राफी सिस्टम, आईसीयू वेंटिलेटर, वीडियो एंडोस्कोपी यूनिट, एनेस्थीसिया मशीन, प्रयोगशाला उपकरण और एम्बुलेंस शामिल हैं।
कोविड-19 महामारी से लड़ाई में नेपाल सेना की सहायता के लिए अतिरिक्त वेंटिलेटर भी दिए गए थे। इसी तरह, जनरल थापा ने अन्य स्मारकों के अलावा, नरवणे के लिए मेड इन नेपाल फेस मास्क को उपहार में दिया था।(आईएएनएस)