हरियाणा में बीते 4 साल में 63.8 फीसदी घटे पराली जलाने के मामले

फसलों के अवशेष का प्रबंधन करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई एक विशेष योजना के अच्छे नतीजे सामने आए हैं।

फसलों के अवशेष का प्रबंधन करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई एक विशेष योजना के अच्छे नतीजे सामने आए हैं। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से सोमवार को मिली जानकारी के अनुसार, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फसलों के अवशेष यानी पराली जलाने के मामलों में बीते चार साल में 30 फीसदी कमी आई है। मंत्रालय ने बताया कि वर्ष 2016 की तुलना में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं में 2020 के दौरान 30 की कमी आई है। इसमें पंजाब में 22.7 फीसदी, हरियाणा 63.8 फीसदी और उत्तर प्रदेश में 52.01 फीसदी की कमी दर्ज की गई है।
 

burning of crops
2016 की तुलना में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं में 2020 के दौरान 30 की कमी आई है।(सोशल मीडिया)

मंत्रालय ने बताया कि वायु प्रदूषण की समस्या को दूर करने और फसल अवशेषों के इन-सिटू प्रबंधन के लिए आवश्यक मशीनरी पर सब्सिडी के साथ शतप्रतिशत केंद्रीय वित्त पोषित एक विशेष योजना हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के लिए वित्तवर्ष 2018-19 और 2019-20 के लिए लागू की गई थी। आगे यह योजना वर्ष 2020-21 के लिए बढ़ा दी गई।

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मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2018-19 से 2020-21 के दौरान इन राज्यों को 1726.67 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इन राशि में से राज्यों ने किसानों को व्यक्तिगत तौर पर 1.58 लाख से अधिक मशीनों और 30,961 कस्टम हायरिंग केंद्रों को आपूर्ति की है। (आईएएनएस)

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