भारत में बड़ी संख्या में लोगों का मानना है कि सरकार को सीबीएसई कक्षा बारहवीं की बोर्ड (CBSE Class XII board exams) परीक्षाओं को रद्द करने के बजाय इसे स्थगित कर देना चाहिए था। आईएएनएस-सीवोटर सीबीएसई स्नैप पोल में लोगों से बातचीत की गई, जिसमें यह जानकारी निकलकर सामने आई है। सर्वे में शामिल 49.1 प्रतिशत लोगों का मानना है कि सरकार को परीक्षाएं रद्द करने की बजाय उन्हें टाल देना चाहिए था।
सर्वे में शामिल उत्तरदाताओं के युवा समूह के बीच यह राय अधिक मजबूत देखने को मिली है। 18-25 वर्ष आयु वर्ग में 50.8 प्रतिशत ने इसी बात का समर्थन किया, जबकि 56 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 46.2 प्रतिशत लोगों ने कहा कि परीक्षाएं स्थगित कर दी जानी चाहिए थीं।
महामारी के कारण उत्पन्न अनिश्चित स्थितियों और विभिन्न हितधारकों से प्राप्त प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए, केंद्र ने मंगलवार को 2021 के लिए सीबीएसई (CBSE) बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया था। सरकार के निर्णय के बाद, काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) ने भी इस साल आईएससी बारहवीं की परीक्षा रद्द कर दी है।
सीबीएसई बारहवीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में लिया गया। स्नैप पोल में पाया गया कि अधिकांश उत्तरदाताओं – 56.4 प्रतिशत – ने सीबीएसई कक्षा बारहवीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने के सरकार के फैसले का समर्थन किया।
यह भी पढ़ें :- टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट की वैधता आजीवन होगी
सर्वे के दौरान राज्यों में 56.6 प्रतिशत लोगों ने कहा कि देश में मौजूदा कोविड की स्थिति के कारण बारहवीं कक्षा के लिए राज्य बोर्ड की परीक्षाएं भी रद्द कर दी जानी चाहिए।
एक जून को बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद आईएएनएस-सीवोटर सीबीएसई स्नैप पोल आयोजित किया गया। स्नैप पोल के लिए दो जून को संपूर्ण भारत के विभिन्न हिस्सों से कुल 5,422 लोगों से बातचीत की गई। (आईएएनएस-SM)