2020 तक बड़े पैमाने पर महामारी से लोगों की आय पर असर पड़ा था और आईएएनएस-सीवोटर सर्वेक्षण से पता चलता है कि 37.4 फीसदी लोगों का मानना है कि अगले एक साल में आम आदमी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा। 21.7 प्रतिशत लोगों ने महसूस किया कि एक आम भारतीय के जीवन की गुणवत्ता वही रहेगी, जबकि 25.8 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि जीवन की गुणवत्ता आने वाले दिनों में और खराब हो जाएगी। लगभग 15 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे इस मामले पर प्रतिक्रिया नहीं दे सकते। कोरोनावायरस महामारी ने असंगठित क्षेत्रों से बड़े पैमाने पर कई लोगों के जीवन में अस्थिरता ला दी। हालांकि, इसने संगठित क्षेत्र को भी नुकसान पहुंचाया है, जिससे बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरी गई और व्यवसाय बंद हो गए। हालांकि सरकार ने पिछले एक साल में उपायों की घोषणा की है, लेकिन अर्थशास्त्रियों और उद्योग निकायों ने लोगों के हाथों में अधिक पैसा देने की पैरवी की है। साथ ही अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए और उपाय करने की मांग की है। (आईएएनएस)
37 % लोगों ने माना की आम आदमी की जीवन-गुणवत्ता सुधरेगी : सर्वे
आईएएनएस-सीवोटर सर्वेक्षण से पता चलता है कि 37.4 फीसदी लोगों का मानना है कि अगले एक साल में आम आदमी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।