भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शुक्रवार को कहा कि यह धारणा पूरी तरह त्रुटिपूर्ण है कि भारत मुख्य भूमि है और पूर्वोत्तर को इसके साथ एकीकृत किया जाना चाहिए। ‘पूर्वोत्तर में सुरक्षा चुनौतियां व आगे की राह’ विषय पर असम राइफल्स और यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूशन के वार्षिक सेमिनार में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों के विषय में एक आम बात है जो विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी दर्शाती है।
उन्होंने कहा कि पॉलिसी डिस्कनेक्ट को इस भावना से प्रेरित किया गया है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के मामलों को दिल्ली से चलाया जा रहा है। नरवणे ने कहा कि ज्यादातर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और केंद्रीय एजेंसियों का मुख्यालय दिल्ली में है। राष्ट्रीय प्राथमिकताएं, राज्यों की राजनीतिक मजबूरियां और स्थानीय आकांक्षाओं को शायद ही कभी एक साथ मिलाया जा सके क्योंकि ये निष्पादन में असंगति पैदा करती हैं।
यह भी पढ़ें : बंगाल चुनाव से पहले तृणमूल-भाजपा के बीच छिड़ा नारा युद्ध
सेना प्रमुख ने कहा कि एक अन्य विशिष्ट कारक जो पूर्वोत्तर में लोगों के बीच अलगाव की भावना को मजबूत करता है, वह है उदासीनता और अक्सर अपमानजनक दृष्टिकोण। उन्होंने कहा कि आप अक्सर यह सुनते होंगे कि मुख्य भूमि भारत के साथ पूर्वोत्तर को एकीकृत करने की आवश्यकता है। यह धारणा कि भारत मुख्य भूमि है और पूर्वोत्तर को मुख्य भूमि के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए, अपने आप में त्रुटिपूर्ण है। (आईएएनएस )