अमेरिका और चीन के बाद, “भारत” कार्बन का सबसे बड़ा उत्सर्जक है : जॉन केरी

जलवायु के लिए अमेरिका के विशेष दूत जॉन केरी ने गुरुवार को जलवायु परिवर्तन संबंधी वैश्विक चिंताओं को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की है। वल्र्ड सस्टेनेबल डेवलपमेंट समिट, 2021 को संबोधित करते हुए केरी ने 2030 तक 450 गीगावाट अक्षय ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य रखने के लिए मोदी की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह स्वच्छ ऊर्जा से बढ़ती अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने का यह एक सशक्त व उत्तम उदाहरण है और यह एक महत्वपूर्ण योगदान होने जा रहा है।

केरी ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि 2030 तक अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के अनुमान के मुताबिक, अगर भारत इस स्वच्छ ऊर्जा के प्रसार की दिशा में और अधिक आक्रामक तरीके से आगे बढ़ता है तो यह सामान्य की तुलना में लगभग पांच लाख अतिरिक्त रोजगार पैदा करेगा। भारतीय उद्योग स्पष्ट रूप से पहले से ही इस दिशा में कदम आगे बढ़ा रहा है और नेतृत्व दिखा रहा है।

स्वच्छ ऊर्जा के प्रसार की दिशा में आगे बढ़ता भारत । (Social media)

केरी ने कहा कि उन्हें यह देखकर खुशी हुई कि भारत का 2021 का बजट स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करता है। भारत आज वास्तव में स्वच्छ ऊर्जा प्रसार के लिए निवेश की दृष्टि से एक बेहतरीन अवसर है। अमेरिका और चीन के बाद, भारत आज दुनिया में कार्बन का सबसे बड़ा उत्सर्जक है।

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केरी ने कहा कि हम मानते हैं कि भारत इस पूरे प्रयास में सबसे महत्वपूर्ण देशों में शुमार हो सकता है। अमेरिका और भारत विगत कई वर्षों में कई मुद्दों पर साथ काम किया है और मैं आश्वस्त हूं कि दोनों राष्ट्र – दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र – जलवायु संकट का सामना करने हेतु वैश्विक नेतृत्व के लिए हाथ मिलाकर बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। केरी ने कहा कि वह जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने का इरादा रखते हैं। (आईएएनएस)

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